क्या आप भी Mutual Funds में निवेश करने का सोच रहे है तो सबसे से पहले इन बातों के मतलब समझ लें, नहीं कही पैसा बनाने में पैसा डूब न जाये

सारांश

अगर आप भी म्यूचुअल फंड (Mutual Funds ) में निवेश का प्‍लान बना रहे हैं, तो सबसे पहले आपको इससे जुडी कुछ बेसिक बातों की जानकारी ले लेनी चाहिए, इससे आपको अपनी जरूरत, जोखिम और लक्ष्‍य के मुताबिक निवेश का फैसला करने में सहायता मिल सकती है

म्यूच्यूअल फण्ड क्या है?

Mutual Funds: यदि आप म्‍यूचुअल फंड में निवेश का विचार या प्‍लान बना रहे हैं, तो सबसे पहले आपको इससे जुडी कुछ बेसिक बातों की जानकारी ले लेनी चाहिए. इससे आपको अपनी जरूरत, जोखिम और लक्ष्‍य के मुताबिक निवेश का फैसला करने में सहायता मिल सकती है . जैसा की आपको पता होना चाहिए की म्‍यूचुअल फंड में निवेश पर भी शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव का असर देखने को मिलता है, इसलिए आप अपनी जोखिम (रिस्क) उठाने की क्षमता के अनुसार निवेश करने का फैसला लेना चाहिए, और लॉन्‍ग टर्म इन्वेशमेंट में म्‍यूचुअल फंड में निवेश बनाए रखने पर आपको कम्‍पाउंडिंग का ज्यादा लाभ मिलता है.अब आईये जानते हैं म्‍यूचुअल फंड्स के कुछ मुख्य टर्म्‍स के बारे में…

SIP (सिस्टमैटक इन्वेस्टमेंट प्लान) और lumpsum :-


यदि आप म्‍यूचुअल फंड में निवेश कर रहे है तो आपको इसके इन दो तरीको के बारे में जानकारी होनी आवश्यक है, जिससे की आपको निवेश करने में सहायता मिलेगी तो आईये जानते है इन माध्यमों के बारे में विस्तारपूर्वक :
पहला माध्यम यह है की आप किसी कंपनी के म्यूच्यूअल फण्ड में SIP (सिस्टमैटक इन्वेस्टमेंट प्लान) के माध्यम से निवेश कर सकते है ,इसमें रेग्‍युलर मंथली निवेश करना होता है. SIP के जरिए मिनिमम 100 रुपये से भी निवेश की शुरूआत किया जा सकता है और इसे लॉन्‍ग टर्म के लिए SIP में निवेश करने से कम्‍पाउंडिग का ज्याद से ज्यादा फायदा मिलता है, और
दूसरा माध्यम यह है कि आपको किसी कंपनी के फंडामेंटल के बारे में अच्छी से पता हो और उस कंपनी का फ्यूचर बिज़नेस मॉडल अच्छा हो और उस कंपनी के म्यूच्यूअल फण्ड की वैल्यू महीने दर महीने बढ़ती जा रही है तो उसमे lumpsum यानि की आप उस फण्ड में एक बार में ही एक बड़ी रकम निवेश के तौर पर लगा सकते है और शार्ट टर्म में ही एक अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते है,और अगर फंड का NAV लगातार बढ़ता है, तो SIP के बजाय एकमुश्‍त निवेश ज्‍यादा फायदा दे सकता है।

Open Added Fund या Open Added Fund :-


म्‍यूचुअल फंड में निवेश का फैसला करने से पहले इन दो फंड्स के बारे में जरूर जान लेना चाहिए , ओपन एंडेड फंड वो फंड होता है, जिनमें कभी भी निवेश कर सकते हैं और उन्हें कभी भी बेच सकते हैं. जबकि क्‍लोज एंडेड फंड में ऐसा नहीं है. क्लोज एंडेड फंड को केवल AMC से न्यू फंड ऑफर (NFO) के दौरान खरीद सकते हैं. और साथ ही इसे मैच्‍योरिटी पर ही रिडीम किया जा सकता है।

डायरेक्ट म्यूच्यूअल फण्ड या रेगुलर म्यूच्यूअल फण्ड प्लान


अब इसका मतलब समझना इसलिए भी जरूरी है क्‍योंकि इसका असर सीधे सीधे आपकी जेब या लागत पर पड़ता है, अब आपके मन में एक सवाल जरूर आया होगा कि इसका हमरी लागत क्या मतलब है ? आपके मन का सवाल बिलकुल सही है क्योकि जब आप मुतुला फण्ड खरीदने जाते है तो वाला पर आपको ये दोनों टाइप के फंड्स दीखते है तो अब आपको कौन सा फण्ड लेना चाहिए ये आपके रिस्क के ऊपर डिपेंड करता है, रेगुलर प्लान में डिस्ट्रीब्यूटर कमीशन भी शामिल होता है, और ये कमीशन फंड मूल्य के लगभग 0.5 फीसदी से 1 फीसदी या इससे ज्‍यादा भी हो सकता है. यह रकम हर साल आपके द्वारा डिस्ट्रिब्‍यूटर को जाती है. तो वहीं डायरेक्‍ट प्लान में आप सीधे – सीधे कंपनी से फण्ड खरीदते है, इसलिए इसमें डिस्ट्रीब्यूटर कमीशन शामिल नहीं होता है और आपको कोई एक्स्ट्रा अमाउंट भी नहीं चुकानी पड़ती है।

क्या म्यूच्यूअल फण्ड के रिटर्न पर टैक्स लगता है या नहीं?


तो इसका सीधा सा जवाब है कि टैक्स लगता है, तो म्यूचुअल फंड के निवेश पर मिलने वाले रिटर्न्स भी टैक्‍स के दायरे में आती है. यह शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) के रूप में निवेशक को देना पड़ता है, और अलग-अलग म्यूचुअल फंड जैसे, इक्विटी और डेट पर कई तरह का टैक्स लगता है, म्यूचुअल फंड डिविडेंड के मामले में डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) भी लगता है और म्यूच्यूअल फंड के मुताबिक टीडीएस (टैक्‍स डिडक्‍शन एट सोर्स) भी कटता है.

NAV क्या है?


म्यूच्यूअल फंड्स के निवेश में सबसे अहम् चीज NAV होती है जब आप म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करते है तो आपको NAV (नेट वैल्यू असेट) की समझ भी कर लेनी चाहिए. NAV दरअसल म्यूचुअल फंड यूनिट की वैल्‍यू होती है. इस एक फॉर्मूले के आधार पर निकाला जाता है.

(डिस्‍क्‍लेमर: म्‍यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है.इसलिए इसमें निवेश से पहले अपने फाइनेंसियल एडवाइजर से परामर्श (सलाह) जरूर कर लें, नियम शर्ते लागु)